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मेरी रचनाएँ
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कविता "गाँधी बाबा कहाँ हो तुम ?"
बापू तेरी प्यार की भाषा सत्य अहिंसाकी परिभाषा समझ नहीं हम पाते है बस झूठा स्वांग रचाते है चारो ओर मची है धूम गाँधी बाबा कहाँ हो...

Kishori Raman
Oct 1, 20221 min read


कविता "कुछ पल दोस्तों के साथ"
दोस्ती के इबारत को आप पढ़ा कीजिए दोस्त बना कर कुछ किस्से गढ़ा कीजिए दोस्त से बड़ाकोई तोहफ़ा नही जिंदगी में दोस्तों के लिए अपना दिल बड़ा कीजिए ...

Kishori Raman
Sep 28, 20221 min read


कविता "मशाल जलाना होगा"
वे जेबों में रखते हैं खंज़र,और तिरंगा लहराते हैं ऐसे बहु-रूपिये समाज मे हर ओर नजर आते हैं देश के नौजवानों तुम्हे रहना है इनसे सावधान...

Kishori Raman
Sep 21, 20221 min read


कविता " हार मान लूँ ?"
सवाल है कि क्या मैं हार मान लूँ अब जाना है यहाँ से यह जान लूँ ये उम्र तो बीत गयी उन्हें मनाने में क्याअंत समय मे उनसे रार ठान लूँ ...

Kishori Raman
Sep 15, 20221 min read


कविता " हर दिन हिन्दी दिवस मनायें
राजभाषा हिन्दी हमारे देश की शक्ति है यह भारतीयों की सजह अभिब्यक्ति है हिन्दी भाषा तो हम सब की पहचान है हमारे देश की आन बान और शान है ...

Kishori Raman
Sep 13, 20221 min read


कविता " आओ थामे अपना तिरंगा "
गाकर राष्ट्रगान हमने,कर्तब्यों की इतिश्री समझ ली है पहनकर वस्त्र खादी का देशभक्त की छवि गढ़ ली है क्या इतना ही काफी है देश को राष्ट्र...

Kishori Raman
Sep 7, 20221 min read


कविता "सच्चाई नही होती"
पता नही कब कौन चुपके से यहाँ आएगा और सबको अल- विदा कह जाएगा सब्र करना ,उसका साथ यहीं तक का था अब लौट कर वह वापस नही आएगा किसी ...

Kishori Raman
Aug 24, 20221 min read


कविता " ज़िन्दगी और मौत "
ज़िन्दगी और मौत एक सिक्के के दो पहलू हैं दोनों ही इस सृष्टि की खूबसूरत ऋचाएँ है ज़िन्दगी बीत गयी इस पहेली को सुलझाने में पर आज तक भी...

Kishori Raman
Aug 15, 20221 min read


कविता "कभी नही झुकने देंगें"
आजादी का जश्न आज मिल जुल कर मनाएँगे सबसे प्यारा देश हमारा हर घर झंडा फहरायेंगे राष्ट्र निर्माण के कार्य जो आज भी अधूरे हैं मिल जुल...

Kishori Raman
Aug 14, 20221 min read


कविता " रक्षा-बंधन "
आज "रक्षा-बंधन" है, भाई-बहन के पवित्र प्यार का त्यौहार। इस अवसर पर आप सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं। भारतवर्ष को पर्व और त्योहारों का देश...

Kishori Raman
Aug 12, 20222 min read


कविता "दोस्तो की ख़ैर-खबर लेते रहिये"
तुम चले गए चुपचाप हमे छोड़ गए सोता जाने के पहले यार कुछ तो कहा होता वो तेरे दोस्त ही हैं जो गम मना रहे हैं वरना कौन है यहाँ ...

Kishori Raman
Aug 6, 20221 min read


कविता " कोई नही पास होता है "
( 1 ) वो शरमाती है इसीलिए चुपके से आती है उनके जुड़े में गूँथे फूलों की खुशबू भेद खोल जाती है जो पहले चली आती है चाहे कोई दूर या पास होता...

Kishori Raman
Jul 29, 20221 min read


कविता " तब और अब "
समय के साथ बदलाव तो एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। ये बदलाव अगर प्रकृति, समाज और हमारे जीवन मूल्यों को प्रभावित करते है तो "अच्छा और बुरा" का...

Kishori Raman
Jul 23, 20222 min read


कविता "हम कहाँ जा रहे?"
मुस्कुराने की कोई वज़ह नही फिर भी हम मुस्कुराते है जब पूछते हैं सब, कैसे हो ? "सब चंगा सी" ये बताते हैं यहाँ युवा बेरोजगार है...

Kishori Raman
Jul 22, 20221 min read


" मशाल बन जलता रहूँ "
आज जो मंज़िल पाने की चाह में भीड़ के साथ चुपचाप हो जाते हैं अपने उसूलों से समझौता करनेवाले गुमनामी के अंधेरे में खो जाते हैं किसी भी...

Kishori Raman
Jul 15, 20221 min read


" सुबह होने वाला है "
जिस चमन में खिलते थे प्यार औरअदब के फूल उसी चमन को आज हमने श्मशान बना डाला है पोत दी है हमने अपने तहजीब के मुहँपे कालिख झूठऔर नफरत...

Kishori Raman
Jul 8, 20221 min read


" वो कब यहाँ आयेगी ?"
जिंदा लोगो के इश्क़ की कोई कहानी नही होती खामोश गुजर जाने वालों की निशानी नही होती अपनी तो जिंदगी बीत गयी किसी के इंतेज़ार में अब तो रोज...

Kishori Raman
Jun 28, 20221 min read


"अब लड़ना होगा"
आज अजीब सा मंजर है यहाँ हर हाँथ में खंजर है लड़ रहें सब भाई भाई शिकायतों का समंदर है घर घर मे आग लगी है गली गली में दंगा है सूट...

Kishori Raman
Jun 22, 20221 min read


कविता"कोई ग़ज़ल कहता है"
" कोई ग़ज़ल कहता है " मैं जब अपनी आँखे बंद करता हूँ खुद को उनके करीब पाता हूँ खो जाता हूँ उनके हसीन सपनो में जहाँ वो जाती है वहीं ...

Kishori Raman
May 8, 20221 min read


कविता " मोहब्बत का अहसास "
" मोहब्बत का अहसास " इस दुनियाँ से शिकायतें बहुत सारी हैं फिर भी यहाँ जिंदगी का पलड़ा भारी है सबको रुख़सत होना है इस महफ़िल से आज उनकी तो...

Kishori Raman
May 4, 20221 min read
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