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मेरी रचनाएँ
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कविता "दोस्तो की ख़ैर-खबर लेते रहिये"
तुम चले गए चुपचाप हमे छोड़ गए सोता जाने के पहले यार कुछ तो कहा होता वो तेरे दोस्त ही हैं जो गम मना रहे हैं वरना कौन है यहाँ ...

Kishori Raman
Aug 6, 20221 min read


" आईना देखते रहिए "
प्राचीन यूनान में एक महान दार्शनिक हुए है जिनका नाम था सुकरात। वे दिखने में बहुत कुरूप थे। एक दिन वह बैठे हुए अपने हाथ में आईना लिए हुए...

Kishori Raman
Jul 31, 20223 min read


कविता " कोई नही पास होता है "
( 1 ) वो शरमाती है इसीलिए चुपके से आती है उनके जुड़े में गूँथे फूलों की खुशबू भेद खोल जाती है जो पहले चली आती है चाहे कोई दूर या पास होता...

Kishori Raman
Jul 29, 20221 min read


कहानी " मौसा "
रात की ट्रेन से सुबह घर पहुँचा था। सोचा था, एक-दो घंटे सो लूँगा तो दिमाग फ्रेश हो जाएगा। तभी शोर सुन कर नींद खुल गई। छोटी बेटी नीता खिड़की...

Kishori Raman
Jul 27, 20228 min read


कविता " तब और अब "
समय के साथ बदलाव तो एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। ये बदलाव अगर प्रकृति, समाज और हमारे जीवन मूल्यों को प्रभावित करते है तो "अच्छा और बुरा" का...

Kishori Raman
Jul 23, 20222 min read


कविता "हम कहाँ जा रहे?"
मुस्कुराने की कोई वज़ह नही फिर भी हम मुस्कुराते है जब पूछते हैं सब, कैसे हो ? "सब चंगा सी" ये बताते हैं यहाँ युवा बेरोजगार है...

Kishori Raman
Jul 22, 20221 min read


" मौन का सौंदर्य "
एक प्रश्न जो अक्सर मेरे जेहन में आता है कि क्या बातों की खूबसूरती शब्दों में होती है ? अगर हाँ तो वैसी बहुत सारी बातें जो बिना शब्दों के...

Kishori Raman
Jul 19, 20222 min read


संस्मरण " पोस्टकार्ड "
यह उस समय की बात है जब मैं छोटा था और क्लास चार में पढ़ता था। उस समय गाँव में बहुत कम ही लोग पढ़े लिखे होते थे और औरतों में तो कोई बिरले...

Kishori Raman
Jul 16, 20225 min read


" मशाल बन जलता रहूँ "
आज जो मंज़िल पाने की चाह में भीड़ के साथ चुपचाप हो जाते हैं अपने उसूलों से समझौता करनेवाले गुमनामी के अंधेरे में खो जाते हैं किसी भी...

Kishori Raman
Jul 15, 20221 min read


"लौटने को आतुर"
दोस्तो, देश तो देश मे रहने वालों से बनता है। यहाँ रहने वाले लोगों से प्रेम करना ही देशभक्ति है। प्रेम से भाईचारा और आपसी विश्वास बढ़ता है...

Kishori Raman
Jul 13, 20223 min read


" हर परिस्थिति में खुश रहें "
किसी नगर में एक सेठ रहता था। उसके पास लाखों की संपत्ति और भरा पूरा परिवार था। उसके पास सब तरह की सुख-सुविधा उपलब्ध थी फिर भी उसका मन...

Kishori Raman
Jul 10, 20222 min read


" सुबह होने वाला है "
जिस चमन में खिलते थे प्यार औरअदब के फूल उसी चमन को आज हमने श्मशान बना डाला है पोत दी है हमने अपने तहजीब के मुहँपे कालिख झूठऔर नफरत...

Kishori Raman
Jul 8, 20221 min read


" हम क्या हैं ?"
कभी जरा अपने बारे में भी सोचिए कि हम क्या हैं ? अगर ईमानदारी से हम अपना विश्लेषण करेंगें तो पायेगें कि हम सब भ्रम में जीने वाले दंभी लोग...

Kishori Raman
Jul 5, 20222 min read


बिना परिश्रम के मिला धन
भगवान बुद्ध एक बार एक बन से गुजर रहे थे। रास्ते में एक व्यक्ति जमीन खोद रहा था। भगवान बुद्ध विश्राम हेतु एक वृक्ष के नीचे बैठ गए। उस...

Kishori Raman
Jul 4, 20222 min read


" निःस्वार्थ सेवा "
एक बार भगवान बुद्ध एक मरुस्थल प्रदेश में भ्रमण कर रहे थे। वहाँ के लोगो को जब पता चला कि बुद्ध उनके प्रदेश में आये हुए हैं तो बड़ी संख्या...

Kishori Raman
Jun 28, 20222 min read


" वो कब यहाँ आयेगी ?"
जिंदा लोगो के इश्क़ की कोई कहानी नही होती खामोश गुजर जाने वालों की निशानी नही होती अपनी तो जिंदगी बीत गयी किसी के इंतेज़ार में अब तो रोज...

Kishori Raman
Jun 28, 20221 min read


" दिखावा क्यो ?"
आज करीब तीन सालों के बाद वर्मा जी से मिलना हुआ। मॉर्निंग वॉक में हम दोनों अनायास ही आमने सामने आ गए।अब से पहले होता यूँ था कि वह मुझे...

Kishori Raman
Jun 24, 20223 min read


"दुख को कैसे दूर करें"
एक आदमी अपनी जिंदगी में बहुत परेशान रहता था। जब उसे अपनी परेशानियों से निकलने के उपाय समझ मे नही आये तो उसने मौत को गले लगाने का निश्चय...

Kishori Raman
Jun 23, 20225 min read


"अब लड़ना होगा"
आज अजीब सा मंजर है यहाँ हर हाँथ में खंजर है लड़ रहें सब भाई भाई शिकायतों का समंदर है घर घर मे आग लगी है गली गली में दंगा है सूट...

Kishori Raman
Jun 22, 20221 min read


"आजीविक" भारत का लुप्तप्राय प्राचीन सम्प्रदाय
आजीविक पंथ दुनिया की प्राचीन दर्शन परम्परा में भारतीय जमीन पर विकसित हुआ पहला नास्तिकवादी सम्प्रदाय था, जिसकी स्थापना मक्खलि गोशाल ने की...

Kishori Raman
Jun 21, 20223 min read
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