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मेरी रचनाएँ
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यादों के नाम
जिन्दगी के सफर में ऐसे कई मुक़ाम आये कुछ ने हाँथ थामा तो कुछ ने मुझे गिराये जो भी रहा अच्छा रहा उन्हें प्रणाम करते है अपनी ये गजल...

Kishori Raman
Sep 27, 20211 min read


हम जैसा सोचते हैं वैसा ही बनते है
हम अक्सर देखते है कि हमारे कुछ दोस्त या रिश्तेदार हमेशा हँसते और मुस्कुराते रहते है जब की बहुत सारे दोस्त जिनके पास सब कुछ होता है वे...

Kishori Raman
Sep 26, 20214 min read


गुस्सा आने पर क्या करे
वैसे तो गुस्सा आना आम बात है। जब भी हमे कोई बात बुरी लगती है या किसी का बर्ताव पसंद नही आता है तो हमे गुस्सा आ जाता है। पहले भी लोगों को...

Kishori Raman
Sep 25, 20213 min read


जीवन मे प्रकृति एवं अनुशासन का महत्व।
आज की दुनिया मे ऐशो -आराम एवं सुख सुबिधा की तमाम चीजें मौजूद है, फिर भी इंसान खुश नही है, प्रसन्न नही है। लोग जब ये कहते हैं कि वे जी नही...

Kishori Raman
Sep 24, 20213 min read


लघुकथा - लाजो भौजी
मैँ मुख्य सड़क पर बस से उतर कर गांव जाने के लिए खेतों के बीच से गुजरने वाली पगडंडियों वाला रास्ता चुना। बार बार पैर पगडंडि से फिसल जा रहे...

Kishori Raman
Sep 23, 20216 min read


आज मुझे रो लेने दो
दर्पण तो केवल सच दिखाता है फिर भी वह आलोचना का शिकार होता है। इसी तरह दूसरों की भलाई करने वाले लोगों को भी बहुत सारे इल्जाम झेलने पड़ते...

Kishori Raman
Sep 22, 20211 min read


साधन और साध्य
अक्सर ही हमारे समाज मे यह विवाद का विषय होता है कि क्या पवित्र साध्य (लक्ष्य) को प्राप्त करने के लिए साधन (मार्ग) का भी पवित्र होना...

Kishori Raman
Sep 21, 20213 min read


सन्तोषम परमः सुखम
बचपन से ही हम लोग ये सुनते आ रहें हैं कि "सन्तोषम परमः सुखम" ,यानी संतोष ही परम सुख है। अब सवाल उठता है कि आखिर संतोष है क्या ? संतोष ...

Kishori Raman
Sep 20, 20212 min read


प्यार
आज मैं अपनी दो लघु कविताएँ प्रस्तुत कर रहा हूँ, जिसका एक ही शीर्षक है..... प्यार। कुछ लोगो के लिए प्यार ही सब कुछ होता है तो कुछ लोगो के...

Kishori Raman
Sep 19, 20211 min read


लघु कथा
रिश्तों की नई परिभाषा पूजा को तो समझ मे ही नही आ रहा था कि वह आज कौन सा ड्रेस पहने। रोज तो स्कूल ड्रेस में ही स्कूल जाना होता था अतः कोई...

Kishori Raman
Sep 18, 20214 min read


देखो न
हमारे पास जो है उसको भूल कर जो नही है उसकी तलाश में हम भटकते रहते हैं, जबकि सच्चाई यही है कि किसी को सब कुछ नही मिलता बल्कि कुछ न कुछ कमी...

Kishori Raman
Sep 17, 20211 min read


लघु कथा
शिरीष का पेड़ समय के साथ सब कुछ बदलता है। जब पहले मैं अपने गाँव जाता था तो मुख्य सड़क से उतर कर कच्ची सड़क पर करीब एक किलोमीटर पैदल उबड़...

Kishori Raman
Sep 16, 20215 min read


तीन मिनी कविताएँ
कविता टूटे दिलो की तड़पन है और जमाने भर की पीड़ा या फिर कल्पनाओं और खुशियों का खुला आकाश जहाँ न हँसने का कोई समय होता है और न ...

Kishori Raman
Sep 15, 20211 min read


बहरे संदर्भ
बहुत पहले "बहरे सन्दर्भ" नाम की एक लघु कविता संग्रह प्रकाशित हुई थी जिसमे हम पांच दोस्तो , मैं ,विजय कुमार वर्मा, मोहन मधुर, मनोज कुमार...

Kishori Raman
Sep 14, 20211 min read


हिन्दी दिवस के आयोजन का औचित्य।
यह कहावत तो आपसबों ने सुनी होगी ....चार दिन की चाँदनी , फिर अन्धेरी रात। सितम्बर का महीना और खास कर 14 सितम्बर का दिन राजभाषा हिन्दी के...

Kishori Raman
Sep 13, 20212 min read


लघु-कथा --राज भाषा कार्यान्वयन के टोटके
हर साल हमारा देश १४ सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में मनाता है | आज की यह रचना हिंदी दिवस को समर्पित है | अचानक मेरे मोबाइल की घंटी बज...

Kishori Raman
Sep 12, 20213 min read


कल और आज
अक्सर हम सब अपने बीते कल की कड़वाहट को ढोते ढोते अपने बर्तमान आज को भी कड़वाहट से बदरंग और बेमजा बना देते हैं। जबकि हमे अपने बीते हुए कल...

Kishori Raman
Sep 11, 20212 min read


एक सुझाव
कुछ दिन पहले की बात है। मैं अपने एक रिश्तेदार से मिलने शहर से दूर सुदूर एक गाँव में गया था। मेरे रिश्तेदार का घर गाँव के प्राइमरी स्कूल...

Kishori Raman
Sep 10, 20213 min read


ज़िन्दगी किसी के काम तो आया
हमारी ज़िन्दगी की सार्थकता इसी में है कि यह किसी के काम आये। अक्सर अच्छा करने वालों पर ही इल्जाम लगाये जाते हैं। पर हमें बिना किसी लाभ की...

Kishori Raman
Sep 9, 20211 min read


जिन्दगी
हम सब केवल अपने लिए जीते हैं । अपने ऐशो -आराम, अपने नाम और प्रतिष्ठा के लिए सारी जिंदगी गुजार देते हैं। पर कभी कभी जिंदगी औरो के लिये भी...

Kishori Raman
Sep 8, 20211 min read
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